बिलासपुर- कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है, यह वायरस संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती ही चली जा रही है, रुकने का नाम नहीं ले रही है। दुनिया के कई देशों के बाद अब भारत भी खतरनाक कोरोना वायरस के कारण डर में जी रहा है। शहरीय क्षेत्रों के लोग तो शासन प्रशासन द्वारा जारी एडवाईजरी को जगरूकता पूर्वक अपना रहे है, लेकिन गांव के लोग इसे लेकर जागरूक नहीं, और लॉक डाउन के नियमों का पालन नहीं कर रहे।

गांव के लोगों को इस बात को समझना होगा, कि शहर में लोग पढ़े लिखे होते हैं, समझदार होते हैं, उन्हें किसी रोग से बचने के लिए तरीके भी पता होता है, साथ ही इलाज की भी सुविधा होती है। होते हैं लेकिन गांव में इलाज की सविधा नही है, यहां अब भी इलाज के नाम पर देसी तरीके ही अपनाए जाते हैं, सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं होते हैं।
ऐसे में गांव के लोगों में जागरूकता बेहद जरुरी है, क्योंकि कोरोना वायरस का फैलाव सावधानी से ही रोका जा सकता है, जिसके लिए जागरूकता की जरूरत है। शासन प्रशासन अपने स्तर पर कोरोना वायरस से बचने के सुझाव लोगों तक पहुंचा रही है, सोशल मीडिया के इस दौर में गांव में भी ये मेसेज पहुंच रहा है, लेकिन इसे लेकर ग्रामीण गंभीर नहीं है, पर गांव के लोगों को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए, और शासन की एडवाजरी का पालन करना चाहिए।

आपको बता दें, कि गांव में बीमारी को लेकर लोग सजग नहीं रहते, और इस कोरोनावायरस बीमारी के बारे में बिल्कुल जानकारी नहीं है, बस उन्हें इतना पता है, यह एक दूसरे के छूने से होती है, और यही कम जानकारी अफवाहों को जन्म देती है।
ग्रामीणों को इससे सावधान रहना बेहद जरूरी है, क्योंकि अगर इस बीमारी ने गांव में प्रवेश कर लिया, तो कंट्रोल कर पाना बहुत मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में शासन की एडवाजरी का ग्रामीणों को भी पालन करना चाहिए, वही सरकार को भी गांव वालों को जागरूक करने की बहुत जरूरत है, ताकि कोरोना से निपटा जा सके।