प्रेमनगर नगर पंचायत में कांग्रेस की वापसी.. अपने ही गढ़ में भाजपा का बुरा हाल..

प्रेमनगर नगर पंचायत में कांग्रेस की वापसी.. अपने ही गढ़ में भाजपा का बुरा हाल..

बिलासपुर– छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माने जा रहे नगरीय निकाय चुनावों में अबतक सरकार के पक्ष में ही वातावरण बनता दिखता है। इसे सरकार की सफ़लता से अधिक विपक्ष की विफ़लता भी कहा जा सकता है।
प्रेमनगर नगर पंचायत में जहाँ कांग्रेस ने 42 साल बाद घर वापसी की है। वही अपने ही गढ़ में प्रेमनगर की सत्ता से बाहर हुई भाजपा व उसकी सरगुजा सांसद व केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह के गृह क्षेत्र में कांग्रेस का अध्यक्ष निर्विरोध चुना जाना, जीत तो दूर, भाजपा को औपचारिक विरोध तक के लिए प्रस्तावक और समर्थक तक न मिल पाना बेहद ही शर्मनाक है।
भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सोनी के प्रभारी रहते हुए कांग्रेस की इस जीत से न केवल भाजपा का गणित फेल हो गया है।
सूत्रों की माने तो केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह और सूरजपुर भाजपा जिलाध्यक्ष बाबुलाल अग्रवाल में बीच टिकट बंटवारे को लेकर तालमेल की कमी से भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है।
गौरतलब है कि प्रेमनगर नगर पंचायत के 15 वार्डों में भाजपा को न केवल हार मिली, बल्कि सूपड़ा ही साफ़ हो गया। महज़ 2 सीटों से भाजपा को संतोष करना पड़ा। आरोप है, कि अन्तिम समय में कई टिकट केन्द्रीय मन्त्री ने जीत का ज़िम्मा लेते हुए ओबीसी प्रदेशाध्यक्ष के कहने पर बदलवा दिए। वार्ड क्रमांक 07 में भाजपा के ही उस बागी ने निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में जीत हासिल की, जिसे पार्टी ने टिकट देते-देते अन्त में बदल दिया।
वार्ड क्रमांक 04 और 09 में बड़े ही मामूली अंतर से, कुल मिलाकर 15 में से केवल 02 सीटों पर किसी तरह से जीत हासिल की।

कांग्रेस ने भाजपा को उसके ही गढ़ में एक लम्बे अंतराल के बाद हार का स्वाद चखा दिया। यदि भाजपा को किसी भी प्रकार से छत्तीसगढ़ सहित इस सम्पूर्ण सरगुजा सम्भाग में वापसी करनी है, तो सबसे पहले आत्ममुग्ध हो चुके, कथित नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाते हुए एक नई टीम खड़ी करनी चाहिए।

GiONews Team

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