बिलासपुर– संकल्प फाउंडेशन के संचालक ऋषभ चतुर्वेदी ने इस साल हनुमान जयंती पर होने वाले खर्च को कोरोना वायरस के लिए फंड में देने की अपील की है।

ऋषभ का कहना है, कि संस्कृति के बारे में बताते हुए विनोवा भावे कहते थे, कि दूसरे का छीन कर खाना विकृति है,दूसरा अपना खाए आप अपना खाए यह प्रकृति है,और दूसरे को खिलाकर आप खाएँ यह संस्कृति है ।
हमारी इसी भारतीय संस्कृति के विश्वास के बल पर मैं आप सभी से यह निवेदन करता हूँ की प्रत्येक वर्ष हनुमान जयंती को हम सभी बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ एक महोत्सव के रूप में मनाते हैं इस वर्ष क्योंकि देश covid-19 जैसी भयंकर महामारी के प्रहार से लड़ रहा है और पूरे देश मे इसके बचाव हेतु भारत सरकार द्वारा लॉकडाउन घोषित किया गया है ।ऐसे में लाखों ऐसे लोग हैं जिन्हें भोजन,एवं दवाइयों की आवश्कता है अतः यह हम युवाओ की, एवं समाज के प्रत्येक नागरिक की यह नैतिक जिम्मेदारी है, कि हम अपने इष्ट हनुमान लला के जन्मोत्सव के अवसर पर किसी भी परिवार को कष्ट या दुख में न रहने दे इसलिए जिस प्रकार हम प्रत्येक वर्ष हनुमान जंयती को भव्य बनाने हेतु बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते थे संसाधन जुटाते थे, उसी प्रकार इस वर्ष हम सभी युवा साथी बढ़ चढ़ कर प्रधानमंत्री राहत कोष, मुख्यमंत्री राहत कोष, नगर निगम बिलासपुर द्वारा संचालित कोरोना रिलीफ फण्ड में स्वेक्षानुसार अंशदान देकर इन विपरीत परिस्थियों में किसी जरूरत मंद परिवार की मदद करें।ईश्वर की इससे बड़ी आराधना नही हो सकती रामचरित मानस में भी तुलसी दास जी ने लिखा है “परहित सरिस धरम नही भाई” हमारे द्वारा किया गया यह छोटा सा प्रयास किसी के चेहरे पर मुस्कान ला सकता है किसी भूखे पेट को भर सकता है तो आइए हम मिलकर संकल्प लें कि इस हनुमान जयंती पर कोई भूखा नही न रहे।

By GiONews Team

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One thought on ““मजहब कोई ऐसा चलाया जाय, हर इंसान को इंसान बनाया जाय, तेरे दर्द का असर हो मुझपे इतना, तू रहे भूखा,तो मुझसे भी न खाया जाय”– हनुमान जयंती पर संकल्प फाउंडेशन की अपील”
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