विधानसभा सत्र : प्रश्नकाल ठप, सीसीटीवी, व्यवस्था, विशेषाधिकार और सिंहदेव प्रकरण में जोरदार हंगामा, सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित..

रायपुर – छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र के तीसरे दिन आज जबरदस्त हंगामा हुआ। प्रश्नकाल की शुरुआत में विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने आसंदी से कल सदन की कार्यवाही का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने को लेकर अपना वक्तव्य दिया। उन्होंने सदन की कार्यवाही का प्रसारण सोशल मीडिया पर वायरल किये जाने पर नाराजगी जताते हुआ इसकी पुनरावृति ना करने की बात कही। उन्होंने इसे विशेषाधिकार हनन भी माना।
चरणदास महंत के इस वक्तव्य के बाद विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। सबसे पहले अजय चंद्राकर ने इस मामले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इस सदन से मुख्यमंत्री के संबोधन का प्रसारण भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ है, उसे किसने वायरल किया। ये विशेषाधिकार हनन का मामला है,. इसलिए इस मामले में सदन की सभी कार्यवाही को रोककर तत्काल चर्चा कराने की मांग की। बाद में इस मामले में विधायक वृजमोहन अग्रवाल ने भी इस मामले में तत्काल चर्चा करने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी इस मामले में तत्काल चर्चा करने की मांग की।
टीएस सिंहदेव प्रकरण को संवैधानिक संकट बताते हुए कहा कि अब सदन के हालात ऐसे नहीं चर्चा करायी जा सके। क्योंकि खुद मंत्री को ही इस सरकार पर भरोसा नहीं रह गया है। बृजमोहन अग्रवाल ने कल टीएस सिंहदेव के सदन में वक्तव्य को पढ़कर सुनया। खबर लिखे जाने तक सदन में जोरदार हंगामा जारी।
विधानसभा की कार्यवाही विभिन्न कक्षों में लगे सीसीटीवी के ज़रिए होने वाले प्रसारण को लेकर आसंदी ने सदन शुरु होते ही व्यवस्था दी – “मेरे संज्ञान में आया है कि सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग कर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है, सीसीटीवी की व्यवस्था कार्यवाही को देखने के लिए है,जब तक विधानसभा की अनुमति नहीं हो,अधिकृत ना हो तब तक ऐसा किया जाना विशेषाधिकार का हनन है.. विनम्रता से आग्रह है कि भविष्य में ऐसा ना करें..”
प्रश्नकाल में आसंदी की ओर से आई व्यवस्था के बाद विपक्ष भड़क गया। भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक,वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर ने आपत्ति करते हुए सवाल किया “आपने विशेषाधिकार का विषय माना, ठीक है, लेकिन मुख्यमंत्री के भाषण कई बार सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं, इसकी अनुमति कब आसंदी ने दी.. इस पर सारी कार्यवाही रोक कर चर्चा कराईए”
इस मामले पर लगातार हंगामा होते रहा, आसंदी ने शोरगुल बढ़ते देख पाँच मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा कर दी।