बिलासपुर– भ्रष्टाचार के आरोपी रहे एवं विभिन्न घोटालों में लिप्त पटवारी कौशल यादव का राजस्व की गड़बड़ी की लिस्ट लगातार सुरसा के मुंह के समान बढ़ता ही रहा है, हालिया मामला मंगला का प्रकाश में आया है, यहाँ इन्होने सभी हदे पार करके गरीब कोटवारीन को निशाना बनाया है.. इन्होंने शासन से मिली कोटवारीन की भूमि का दस्तावेज बना दिया जिससे अब उस भूमि का खरीद फरोख्त के लिये आम सूचना तक छपा दिया गया, इसमे पीड़ित कोटवारीन ने राजस्व विभाग सहित सिविल लाइन थाने में धोखा धड़ी का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की है..

जानकारी के अनुसार , प.ह.नं. 35, रा.नि.मं. सरकंडा, तहसील व जिला बिलासपुर (छ.ग.) स्थित खसरा नंबर क्रमश: 658, 1061, 1068, 1074, 1103/1, 1176, 1194 के कुल रकबा में से आधी भूमि रकबा 0.430 हेक्टेयर भूमि भूमिस्वामी प्रमिला मानिकपुरी पति स्व. परदेशी मानिकपुरी निवासी मंगला बस्ती के नाम दर्ज है जिसकी राहुल यादव पिता स्व. रमाशंकर यादव, निवासी राजेन्द्र नगर ने वकील के माध्यम से आम सूचना प्रकाशन कराया गया है जिसमे आम सूचना के माध्यम से बताया गया है कि उपरोक्त भूमि जो कि राजस्व रिकॉर्ड में भी कोटवार भूमि दर्ज है जिसे प्रमिला मानिकपुरी पति स्व. परदेशी मानिकपुरी से खरीदी कर रकम खरीदी का इकरारनामा निष्पादित कर रकम अदायगी मय बयाना स्वरूप चेक से दिया जाना बताया गया है. वही आम सूचना में यह भी बताया गया है कि इकरारनामा में भूमिस्वामी प्रमिला मानिकपुरी के द्वारा पंजीवन हेतु दस्तावेज बनाने का वचन दिया गया था परंतु बार बार लिखित एवं मौखिक सूचना देने के बाद भी उनके द्वारा पंजीवन नहीं किया जा रहा है, एवं पंजीयन हेतु टालमटोल किया जा रहा है.एवं भूमिस्वामी के द्वारा उपरोक्त खसरा नंबर की भूमि का खरीद बिक्री का इकरानामा निष्पादित किया जा चुका है अतः सर्वसाधारण आम जनता को इस सूचना पत्र के माध्यम से सूचित किया जाता है कि यदि 15 दिवस के भीतर भूमिस्वामी के द्वारा  पंजीवन नहीं किया जाता है  तो भूमिस्वामी के खिलाफ फौजदारी एवं दीवानी मामला संबंधित अदालत में दावर किया जायेगा।

ज्ञात हो कि शासन के नियम अनुसार कोटवारी भूमि का भूमि स्वामी हक शासन द्वारा दिया जाता है। संहिता की धारा 158 के प्रावधानों के अनुसार ऐसी भूमि जिसका भूमिस्वामी हक शासन द्वारा दिया गया है, का हस्तांतरण नहीं किया जा सकता।वही धारा 165 (7 ख) के प्रावधानों के अनुसार शासन द्वारा प्रदत्त भूमि का विक्रय बिना कलेक्टर की अनुमति के नहीं किया जा सकता।ऐसे में कोटवारी भूमि का खरीद फरोख्त एवं गहन के साथ कोई भी एग्रीमेंट करना अपराध के श्रेणी में आता है वही कोटवारी भूमि का दस्तावेज व छेड़छाड़ तत्कालीन पटवारी कौशल यादव के किये जाने की वजह से इस तरह से कूटरचना किया गया है..
बता दे कि यह वही कौशल यादव पटवारी हैं जिसके विरुद्ध मुंगेली थाना में 13 दिसंबर 2011 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा तथा 25 अगस्त 2013 को धारा 120, 420, 468, 467, 471 के तहत जुर्म दर्ज करवाया गया था ,इतना ही नही पटवारी कौशल यादव पर एसीबी ने भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13 1बी व 13-2 के तहत आय से अधिक संपत्ति होने पर एफआईआर दर्ज भी किया है।

By GiONews Team

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