बिलासपुर – लुतरा शरीफ के इंतेजामिया कमेटी पर पूर्व कार्यकाल को लेकर उठ रहे सवालो के जवाब के साथ इंतेजामिया कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अकबर बक्शी गुरुवार को पत्रकारों से रूबरू हुए,बिलासपुर प्रेसक्लब में कमेटी पके सदस्यों के साथ पहुँचे, इंतेजामिया कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अकबर बक्शी ने जानकारी देते हुए बताया कि दरगाह लूतरा शरीफ के संचालन को लेकर मुस्लिम समाज के दो गुटों के बीच मामला न्यायालय में चल रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में दरगाह के संचालन की जिम्मेदारी वक्फ बोर्ड के निर्देश के बाद एसडीएम मस्तूरी पंकज डाहीरे संभाल रहे हैं। पूर्व में उनके कार्यकाल का जो उनके पास हिसाब किताब है उसमें से इन्तेजामिया कमेटी का हिसाब एसडीएम को दिया जा चुका है। मगर मस्जिद और मदरसा के चंदे को इंतेजामिया कमेटी के एकाउंट में नही डाला जा सकता। क्योंकि ये शरीयत के खिलाफ है। मस्जिद और मदरसा के रुपयों को किसी दूसरे खातों में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता इसीलिए उन्होंने इसके लिए वक्फ बोर्ड से मार्गदर्शन मांगा है। उन्होंने प्रेस वार्ता के दौरान अस्वस्थ किया है कि मस्जिद और मदरसा के एकाउंट नही होने के कारण ही राशि उन्होंने अपने पास सुरक्षित रखा है। उन्होंने कहा कि दरगाह लूतरा शरीफ के संचालन के लिए वक्फ बोर्ड को पत्र लिखा गया है, 

मिली जानकारी के अनुसार सन् 2000 से लेकर 2018 तक कार्य करने के दौरान हाजी अखलाक खान की कमेटी द्वारा वक्फ बोर्ड को आय व्यय का ना तो कोई हिसाब दिया गया और ना खर्च करने की अनुमति विधिवत वक्फ बोर्ड से प्राप्त की गई। कमेटी द्वारा लुतरा खम्हरिया के जमात को भी कोई विश्वास में नहीं लिया गया। इसपर लुतरा शरीफ व खम्हरिया के ग्रामीणों,पंच,सरपंच व जमात के द्वारा लगातार शिकायतें मिलने पर छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड ने हाजी इखलाक खान, मान खान, व शेर मोहम्मद की कमेटी को विधिवत कार्यवाही करते हुए बर्खास्त कर दिया तथा हाजी अकबर बक्शी को लूथरा शरीफ तथा इंतजामिया कमेटी का सदर बनाया गया था। 

By GiONews Team

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