शिव महापुराण कथा आयोजन: भक्तगण बने बाराती… शिव की हुई देवी पार्वती…

शिव महापुराण कथा आयोजन: भक्तगण बने बाराती… शिव की हुई देवी पार्वती…


बिलासपुर : जहाँ स्वयं भगवान शिव दूल्हा बने हो ,भगवती पार्वती दुल्हन हो तो कौन भक्त इस अलौकिक आनंद से वंचित रहना चाहेगा।श्रावण के अधिक (पुरुषोत्तम)मास में शुक्ला परिवार द्वारा आयोजित शिवमहापुराण कथा के पांचवे दिन शिव पार्वती विवाह के प्रसंग में उनके मंगल परिणय की सुंदर झांकी निकाली गई ।श्रध्दालु विभोर होकर उनकी भक्ति में रम रमते रहे । व्यास पीठ से आचार्य ने इस शुभ प्रसंग में मंगल गान किया।भक्त बराती बने। इस पहले व्यासपीठ से श्री अमरकृष्ण महाराज मठ मंदिर प्रमुख विश्व हिंदू परिषद बिलासपुर ने सती प्रसंग में दक्ष प्रजापति द्वारा शिवजी के अपमान, सती जी के हवनकुंड में अग्नि समाधि की कथा विस्तृत रूप से बताई।

उन्होंने कथा के अगले चरण में मां पार्वती के जन्म व विवाह का सुंदर वर्णन किया । चौथे दिन की कथा में नारद जी द्वारा श्री हरि विष्णु को दिए श्राप के प्रसंग सहित कई क्षेपक कथाओं से महापुराण के विविध कथाओं का वर्णन किया । स्व लखीराम अग्रवाल स्मृति सभागार बिलासपुर में भक्तों से खचाखच भरे हाल में उन्होंने कहा कि लक्ष्मी जी को जब भी बुलाओ तो कहना नारायण के साथ आओ। यदि लक्ष्मी जी अकेली आये तो उल्लू बना के चली जाती है । ये सूत्र लेकर आज जाना कि हमे धन व धर्म दोनो चाहिए । नारायण धर्म हैं,लक्ष्मी धन है। धर्म के बिना धन फलदायी नही हो सकता।
उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति में जन्म लेना ही सौभाग्य है। यदि आपका जन्म सनातन संस्कृति में हुआ है तो धन्य समझना ठाकुर जी का पूजन व दर्शन कभी बन्द नहीं करना चाहिए । उन्होंने कुबेर जी की कथा सुनाते हुए कहा कि महादेव के चरणों पर रोज एक दीपक जलाना चाहिए। न जाने कुबेरजी की तरह कब शिवजी की कृपा हो जाये । मंगलवार को कथा श्रवण के लिए पूर्वमंत्री अमर अग्रवाल उपस्थित हुए। उन्होंने व्यासपीठ पर जाकर आशीर्वाद लिया। बता दें कि जावलपुर ( बलौदा ) के शुक्ला परिवार केशुक्ला परिवार जावलपुर के श्रीमती चन्द्रकांता – दयाशंकर, श्रीमती क्षमा- रविशंकर शुक्ला, समृद्धि-नरेश शुक्ला द्वारा
संगीतमय शिव महापुराण कथा का आयोजन रविवार 30 जुलाई से 6 अगस्त तक किया जा रहा है। कथा समय दोपहर 3 बजे से है।
गणपति व कार्तिकेय जन्म की कथा आज
गुरुवार 3 अगस्त को गणपति, कार्तिकेय जन्म, 4 अगस्त को शिव अवतार, 5 अगस्त को बारह ज्योतिलिंग, 6 अगस्त को हवन-पूर्णाहुति होगी।

GiONews Team

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