टीएस सिंहदेव :सरकार बनने के पहले जो सपने देखे थे वह हो रहा साकार….

छतीसगढ़ । स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस ने कहा कि विधानसभा चुनाव के पहले घोषणा पत्र तैयार करने की बड़ी चुनौती सामने थी। मन में बार-बार यही बात सामने आती थी कि निचले तबके के लोगों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने ऐसा क्या किया जाए कि इनके चेहरे पर हंसी और खुशी का भाव नजर आए। एक सपना हमने देखा था। खुशी इस बात कि आज वह सपना साकार हो रहा है। निचले तबके के लोग जिसे हम पिरामिड कह सकते हैं इनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना इनकी बेहतरी में मील का पत्थर साबित हो रहा है।
मंत्री सिंहदेव छत्तीसगढ़ भवन में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उत्तर प्रदेश में छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की चर्चा जैसे सवाल पर कहा कि घोषणा पत्र में इन्हीं बातों पर फोकस किया। गोधन के व्यापक प्रबंधन के साथ ही अन्न्दाता किसानों को इसका लाभ देने के उपाय पर हमने लंबी चर्चा की।
इसके बाद इस नतीजे पर पहुंचे कि नरवा गरुवा गुरुवा व बाड़ी योजना के जरिए इसका व्यापक प्रबंधन किया जाए। गोवंशों के प्रबंधन के साथ ही गोबर के उपयोग को लेकर हमने प्रयास किया। नतीजा सबके सामने है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए किसानों का धान प्रति क्विंटल 2,500 स्र्पये समर्थन मूल्य पर खरीदना शुरू किया। गोधन और राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों के चेहरे खिले नजर आ रहे हैं। प्रदेश का अन्न्दाता के चेहरे पर खुशहाली का भाव नजर आने का मतलब प्रदेश में खुशहाली का वातावरण है। खुशी इस बात की हमारे सपने को पंख लग गया है।
मंत्री सिंहदेव ने चर्चा करते हुए कहा कि मैं अपने राजनीतिक करियर का अनुभव आपको बता रहा हूं। किसी भी विभाग में अटैचमेंट के पक्ष में हम कभी नहीं रहते। स्टाफ की कमी है तो आप विज्ञापन निकाल कर नई भर्ती करिए। नई पदस्थापना होनी चाहिए। किसी भी विभाग में अटैचमेंट नहीं होना चाहिए। उन्होंने साफ किया है यह उनकी व्यक्तिगत राय है।
आगे पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि डी पुरंदेश्वरी भाजपा की प्रदेश प्रभारी हैं। पार्टी के कामकाज के सिलसिले में प्रवास होते रहता है। इससे कांग्रेस को क्या फर्क पड़ने वाला हैै। वैसे भी उन्होंने थूकने की बात कही थी। थूकने की बात कहने वालों की तरफ हमारा ध्यान नहीं जाना चाहिए। प्रदेश में कांग्रेस कैसे काम करेगी इस पर हमारा ध्यान होना चाहिए। राज्य शासन की योजनाओं के संचालन से लेकर हितग्राहियों तक योजनाएं पहुंचे इस पर हमको फोकस करना होगा। हमारा पूरा ध्यान सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में होना चाहिए।
परिवर्तन स्वाभाविक प्रक्रिया
मंत्रिमंडल में परिवर्तन के सवाल पर कहा कि यह स्वाभाविक प्रक्रिया है और मुख्ख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। ऐसा होना ही चाहिए। एक सवाल के जवाब में कहा कि मुझे लगता है कि मुझे अपने विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता दिखानी होगी। मेरी पहली प्राथमिकता विभागीय कामकाज को निपटाने की होती है। दिनरात इसी काम में लगा हुआ हूं। मुझे संतोष है मैं विभागीय कामकाज बेहतर ढंग से निपटा पा रहा हूं। मुझे लगता है कि तीन वर्षों में जो समय मुझे विधानसभा में देना चाहिए था नहीं दे पाया।