नालियों के भीतर से गुजर रही है वाटर सप्लाई की पाइप लाइन , ओवर स्मार्ट सिटी बिलासपुर की ये है सच्चाई, देखें तस्वीरें।

बिलासपुर। वार्ड के ऐसे हालात के जिम्मेदार जल विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस अवस्था से पूरी तरह परिचित है , लेकिन वे इस तरफ से नजरें फेरे हुए हैं । शायद उन्हें हेमूनगर में भी डायरिया और उससे होने वाली मौतों की प्रतीक्षा है । फिलहाल समस्या यह है कि अगर इसी तरह नालियों से गंदा पानी घरों में पहुंचता रहा तो इसे पीकर लोग डायरिया के शिकार होंगे और फिर उनकी जान भी जाएगी । इसलिए जल्द से जल्द इसमें सुधार की मांग की जा रही है । नाली के भीतर से पाइपलाइन गुजारने की बजाय इन्हें सड़क के ऊपर से भी निकाला जा सकता है , लेकिन पता नहीं वे कौन महान इंजीनियर थे जिन्होंने पीने के पाइपलाइन को नाली में से गुजारने की तकनीक ईजाद किया । ऐसा शायद बिलासपुर में ही होता है , तभी तो हमने बिलासपुर को स्मार्ट नहीं ओवर स्मार्ट सिटी कहा है ।

अब तक बिलासपुर में डायरिया से दो लोगों की मौत भी हो चुकी है । हर साल बरसात के मौसम में डायरिया होना यहां लोगों के किस्मत में लिख दी गई है । लेकिन इस बार तो ठंड के मौसम में भी इसने पीछा नहीं छोड़ा है । इसके पीछे मुख्य वजह पुरानी और जर्जर हो चुकी पाइपलाइन है । अधिकांश गली और मोहल्ला में निगम के महान इंजीनियरों द्वारा सीधे नाली के भीतर से होकर वाटर सप्लाई की पाइप ला गुजारी गई है । पानी में डूबे होने और पुराने होने के कारण इनमें छेद हो चुका है । जिसमें रिस कर नाली का जहरीला पानी लोगों के घरों तक पहुंच रहा है और वे अनजाने में ऐसे पीकर अपने लिए मौत का फंदा चुन रहे हैं ।
बिलासपुर को स्मार्ट सिटी नहीं ओवर स्मार्ट सिटी कहना कहीं सही होगा, क्योंकि नालियों के भीतर से गुजर रही है वाटर सप्लाई की पाइप लाइन । यहां नगर निगम की गलती के चलते ठंड के मौसम में डायरिया फैला हुआ है । दर्जनभर से अधिक वार्ड इससे प्रभावित है , तो वही अस्पतालों में इलाज कराने वालों की कतार लगी हुई है । फिर भी नगर निगम की नींद खुलने का नाम ही नहीं ले रही । नगर निगम के अधिकारी बड़ी मासूमियत के साथ कह रहे हैं कि उन्हें समझ ही नहीं आ रहा कि आखिर ऐसा कैसे हो रहा है ? कैसे लोगों के घरों में दूषित पानी पहुंच रहा है , जिसे पीकर वे मौत के मुंह में समा रहे हैं ?