Big Breaking : भारतीय सेना का Mi-17V5 हेलिकॉप्टर क्रैश, CDS बिपिन रावत का निधन, हेलीकॉप्टर में सवार 14 में से 13 की मौत..

Big Breaking : भारतीय सेना का Mi-17V5 हेलिकॉप्टर क्रैश, CDS बिपिन रावत का निधन, हेलीकॉप्टर में सवार 14 में से 13 की मौत..

नई दिल्ली – चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का निधन हो गया है. तमिलनाडु के कन्नूर में वायुसेना के हेलीकॉप्टर क्रैश कें बाद उन्हें घायल हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने जिंदगी को अलविदा कह दिया . उनके साथ विमान में पत्नी और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों समेत 14 लोग सवार थे. यह विमान सूलूर से वेलिंगटन के लिए उड़ा था और कुछ देर बाद क्रैश हो गया.

भारतीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब बिपिन रावत को देश का पहला CDS अधिकारी यानि चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ बनाया गया था. यह पद आज से पहले किसी को नहीं मिला था. CDS का काम है थलसेना, वायुसेना और नौसेना तीनो के बिच तालमेल बैठाना. सीधे शब्दों में कहा जाएं तो यह रक्षा मंत्री के प्रमुख सलाहकारों में शामिल होंगे और यह तींनो सेनाओं को निर्देश देंगे हालांकि इनका काम किसी भी सैन्य एक्टिविटी में दखल देना नहीं है. लेकिन आज हुए हादसे के बाद अब तक उनके स्वास्थ्य को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टी नहीं हुई है.

बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को देहरादून में हुआ. बिपिन रावत के पिताजी एलएस रावत भी फ़ौज में थे और उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल एलएस रावत के नाम से पहचाना जाता था. इनका बचपन फौजियों के बीच ही बीता और इनकी शुरूआती पढाई सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला में हुई. उसके बाद उन्होंने इंडियन मिलट्री एकेडमी में एडमिशन लिया और देहरादून चले आये. यहां उनकी परफोर्मेंस को देखते हुए उन्हें पहला सम्मान पत्र मिला जो SWORD OF HONOUR से सम्मानित किया गया था. उसके बाद उन्होंने अमेरिका में पढ़ाई करने का मन बनाया और वो अमेरिका चले गये यहाँ उन्होंने सर्विस स्टाफ कॉलेज में ग्रेजुएट किया. साथ में उन्होंने हाई कमांड कोर्स भी किया.

बिपिन रावत अमेरिका से लौट आये और उसके बाद उन्होंने आर्मी में शामिल होने का मन बनाया. उन्हें अपने प्रयासों में सफलता 16 दिसंबर 1978 में मिली. उन्हें गोरखा 11 राइफल्स की 5 वीं बटालियन में शामिल किया गया . यहीं से उनका सैन्य सफर शुरू हुआ. यहाँ बिपिन रावत को सेना के अनेक नियमों को सिखने का मौका मिला और उन्हें कैसे एक टीम वर्क करना चाहिए यह भी उनके समझ में आया. बिपिन रावत ने बताया था एक इंटरव्यू में की उनकी जिंदगी में उन्होंने गोरखा में रहते हुए जो सिखा वो कहीं और सिखने को नहीं मिला है. यहां उन्ह आर्मी नीतियों को समझा और नीतियों के निर्माण में कार्य किया.

गोरखा में रहते हुए उन्होंने आर्मी की अनेक जैसे Crops , GOC – C , SOUTHERN COMMAND , IMA DEHRADUN , MILLTERY OPREATIONS DIRECTORET में LOGISTICS STAFF OFFICER के पद पर भी काम किया. बिपिन रावत ने भारत में ही नहीं अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी सेवायें दी है. वे कांगो के UN Mission के भागीदार थे और उसी वक्त उन्हें अंतराष्ट्रीय स्तर पर सेवायें देने का मौका मिला था. यहां उन्होंने 7000 लोगों की जान बचाई थी.

बिपिन रावत को सेना में रहते हुए सेना में अनेक तरह के पुरस्कार भी मिले हैं. उन्हें युद्ध नीति को सीखते हुए अपने कौशल का सही इस्तेमाल करते हुए आर्मी में अनेक मैडल प्राप्त किये है. बिपिन रावत को एक अच्छा लेखक भी कहा जाता है. उनके अनेक लेख पत्रिकाओं में पब्लिश होते है. वह भारतीय राजनीति पर अनेक तरह के कटाक्ष लिखते हैं. अपने लेखन की मदद से बिपिन रावत अपनी बात को लोगों तक पहुंचाने का कार्य करते

कौन हैं बिपिन रावत की पत्नी 66 बिपिन रावत की पत्नी का नाम मधूलिका रावत है. मधुलिका रावत आर्मी वेलफेयर से जुड़ी हुईं हैं. वो आर्मी वुमन वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष हैं. बिपिन रावत की दो बेटियां भी हैं. एक बेटी का नाम कृतिका रावत है.

GiONews Team

Editor In Chief