मजबूरी : उफनती नदी को पार कर जाते हैं बच्चे स्कूल, ‘मौत’ के मुहाने में धकेल रही मजबूरी..पूल नही है, विकास से दूर ग्राम मडवाही..

मजबूरी : उफनती नदी को पार कर जाते हैं बच्चे स्कूल, ‘मौत’ के मुहाने में धकेल रही मजबूरी..पूल नही है, विकास से दूर ग्राम मडवाही..

जान जोखिम में डालकर भविष्य संवारने की ललक

GPM – छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में आज भी कई गांव ऐसे हैं, जहां विकास नहीं पहुंच सका है। हालात ये हैं कि बच्चे अपना भविष्य संवारने उफनती नदी पार कर स्कूल जाते हैं। ग्रामीणों की मानें तो गांव में पुल नहीं होने के कारण बच्चों को मजबूरी में नदी पार कर स्कूल जाना पड़ता है। बच्चों के मां-बाप का कहना है कि हमें इस समय यही डर लगा रहता है कि कहीं कोई बड़ा हादसा न हो जाए।

पुल नहीं होने के कारण स्कूली बच्चे इस तरह से नदी पार कर रोज स्कूल जाते हैं।

मामला मरवाही विधानसभा के ग्राम मडवाही का है। यहां बच्चे सिर पर बैग लेकर कपड़े उठाकर हथगड़ी नदी पार करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि हम कई बार प्रशासन से पुल बनाने की मांग कर चुके हैं। इसके बावजूद अब तक किसी ने ध्यान नहीं दिया है।

नदी पार कर बच्चे दूसरी ओर पहुंचकर इस तरह से गीले कपड़ों को सुखाते हैं।
नदी पार कर बच्चे दूसरी ओर पहुंचकर इस तरह से गीले कपड़ों को सुखाते हैं।

गांव में रहने वाले राम प्रसाद बताते हैं कि कुछ दिन पहले बहुत बारिश हुई थी। उस समय नदी में काफी पानी था। इसकी वजह से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे थे। बच्चे नदी पार कर स्कूल जाते हैं तो कई बार भीग जाते हैं। इसके कारण वे बीमार पड़ जाते हैं और कई दिनों तक स्कूल नहीं जा पाते। गांव के ही चेतन सिंह ने कहा कि बारिश जब तेज होती है तो हमारे लिए बड़ी समस्या हो जाती है। हम नदी पार नहीं कर पाते, राशन वगैरह लेने में बहुत दिक्कत होती है। हालांकि, एक दो दिन से बारिश नहीं होने से नदी में पानी कम हुआ है, लेकिन पानी बढ़ते ही नदी का जलस्तर एकदम से बढ़ जाता है।

बच्चे इस स्कूल तक पहुंचने नदी पार करते हैं।
बच्चे इस स्कूल तक पहुंचने नदी पार करते हैं।

गांव की सरपंच नमतिया करसाल ने कहा कि मैं प्रशासन से मांग करती हूं कि इस नदी में पुल बनाया जाए। मरवाही के एसडीएम पुष्पेंद्र शर्मा ने कहा कि बच्चों के नदी पार करके स्कूल जाने की जानकारी मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। हम इसके कारण को पता करेंगे और उसका निराकरण करेंगे। बच्चों के पालकों से भी अपील की जाती है कि वह इस प्रकार से जान जोखिम में डालने से परहेज करें।

शॉर्टकट के चक्कर में ग्रामीण अपने बच्चों को अरपा नदी पार कराकर स्कूल भेजते हैं।
शॉर्टकट के चक्कर में ग्रामीण अपने बच्चों को अरपा नदी पार कराकर स्कूल भेजते हैं।

इससे 10 दिन पहले गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले से लगे बिलासपुर जिले के कोटा विधानसभा क्षेत्र में भी इस तरह की तस्वीर सामने आई थी। यहां ग्रामीण अपने बच्चों को शॉर्टकट के चक्कर में बच्चों को अरपा नदी पार कराके स्कूल भेजते हैं। पड़ताल में पता चला कि कोटा विधासनभा के मोहली गांव में पुल बना है। इसके बावजूद ग्रामीण शॉर्टकट के चक्कर में बच्चों को नदी पार कराके स्कूल भेज रहे हैं।

GiONews Team

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