डायरिया बना जानलेवा : डायरिया से सात दिनों सात लोगों की गई जान, विनोबा नगर में बुजुर्ग महिला की मौत, शहरी इलाके में पहुंचा डायरिया..

डायरिया बना जानलेवा : डायरिया से सात दिनों सात लोगों की गई जान, विनोबा नगर में बुजुर्ग महिला की मौत, शहरी इलाके में पहुंचा डायरिया..

बिलासपुर – डायरिया का संक्रमण लगातार लोगों को अपना शिकार बना रहा है। शहर में तारबाहर, तालापारा और टिकरापारा के साथ अब विनोबा नगर में डायरिया का संक्रमण पहुंच गया है। रविवार को चलते विनोबा नगर में एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। उसे पांच दिनों से उल्टी दस्त हो रहा था।

महिला के परिवार के पांच सदस्य भी डायरिया पीड़ित हैं। इसके साथ ही एक सप्ताह में शहर में डायरिया से मरने वालों की संख्या 7 हो गई है। नगर निगम और जिला प्रशासन का अमला अब तक सिर्फ डायरिया नियंत्रण करने के दावे कर रहे हैं। उन्हें मरने वाली महिला की जानकारी तक नहीं है।

इस तरह पाइप लाइन नालियों से होकर गुजरी है, जिससे गंदे पानी घरों तक पहुंचने की आशंका है।

नगर निगम के निचली बस्तियों के बाद अब शहरी इलाकों में भी डायरिया का प्रकोप फैलता ही जा रहा है। तालापारा, तारबाहर के बाद शनिवार को टिकरापारा में एक अधेड़ अर्जुन देवांगन की डायरिया से मौत हो गई थी। रविवार को नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के लिए राहत की खबर थी कि करीब 900 घरों में सर्वे के दौरान डायरिया के एक मात्र मरीज मिला।

शाम होते ही विनोबा नगर में भी डायरिया से महिला की मौत की खबर से हड़कंप मच गया। यहां गली नंबर दो में रहने वाली 69 साल की बृहस्पति बाई बाघ पिछले पांच दिनों से उल्टी, दस्त से पीड़ित थी। इसके चलते उनकी मौत हो गई।

महिला की रिश्तेदार अल्का सोना ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से परिवार के पांच लोग डायरिया के शिकार हुए हैं। उल्टी दस्त से अल्का की हालत भी गंभीर हो गई थी। उन्हें मगरपारा के निजी अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। दो दिन बाद तबीयत सुधरने पर अस्पताल से डिस्चार्ज हुई। इधर, घर में बृहस्पति बाई बाघ के हालत में सुधार नहीं हो पा रहा था।

अल्का ने बताया स्थिति को बिगड़ता हुआ देख उसे भी अस्पताल में भर्ती होकर उपचार कराने की बात कही गई, लेकिन वह अस्पताल जाने को तैयार नहीं हुई। खास बात यह है कि विनोबा नगर में डायरिया पीड़ित महिला की मौत की खबर न तो स्वास्थ्य विभाग को है और न ही नगर निगम को इसकी जानकारी है।

तारबाहर क्षेत्र के ही वार्ड क्रमांक 29 में 18 दिसंबर को उपचुनाव होने वाला है। ऐसे में जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारी चुनाव कार्य में जुटे हुए हैं। जबकि, नेता चुनाव प्रचार में मशगूल हैं। भाजपा को चुनाव में बैठे बिठाए डायरिया बीमारी के रूप में मुद्दा मिल गया है। यहां प्रचार के दौरान भाजपा नेता वार्ड की गंदगी, बजबजाती नाली और बीमारी के नाम पर ही वोट बटोरने के प्रयास में जुटे हैं।

टिकरापारा में शनिवार को डायरिया पीड़ित अधेड़ की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने इन इलाकों की निगरानी शुरू कर दी है। रविवार को मोहल्ले में स्वास्थ्य शिविर लगाया है। इस दौरान मितानिन और स्वास्थ्य कार्यकर्ता डायरिया संक्रमण की जानकारी लेते रहे और उल्टी दस्त की शिकायत होने पर अस्पताल जाने की सलाह देते रहे। मोहल्ले में जरूरी दवाइयों का वितरण करने के साथ ही आवश्यक दवाओं का छिड़काव भी किया गया।

डायरिया नियंत्रण के लिए रविवार को भी तालापारा, तारबाहर क्षेत्र में सर्वे किया गया। इस दौरान तालापारा में 260, तारबाहर में 290 और रमजानी मस्जिद के आसपास 350 घरों में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची। इन इलाकों में अब डायरिया पीड़ितों की संख्या में कमी आई है। तीनों क्षेत्रों में रविवार को एक डायरिया मरीज मिला। जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से डायरिया का संक्रमण शुरू हुआ। पहले ही दिन दो महिलाओं की मौत हो गई। इसके बाद सर्वे शुरू किया गया। इस बीच तारबाहर में पश्चिम बंगाल के अधेड़ की मौत हुई। फिर अगले दिन तालापारा में सेलून दुकान चलाने वाले प्रेम श्रीवास ने भी डायरिया से दम तोड़ दिया।

शनिवार को तालापारा में बॉडी बिल्डर मोहम्मद मेहंदी रिजवी पिता जियारत हुसैन और फिर टिकरापारा में अधेड़ अर्जुन देवांगन की मौत हो गई। रविवार को बृहस्पतिबाई की मौत के बाद डायरिया से मरने वालों की संख्या 7 हो गई है।

GiONews Team

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