अभियंता संघ की हुई बैठक.. बिजली कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर हुआ चिंतन..

बिलासपुर– अभियंता संघ की केन्द्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिनांक 17 नवम्बर को हसदेव विद्युत तापगृह कोरबा पश्चिम में रखी गई। जिसमें बिजली कंपनीयों की वित्तीय स्थिति पर गहन चिंतन किया गया। चर्चा में उपभोक्ताओं को किस प्रकार लाभ मिले। बिजली कंपनियों में लाईन लाॅसेस कम किये जा सके एवं बिजली उत्पादन की लागत को किस तरह कम किया जा सके आदि पर चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त प्रबंधन द्वारा तेलंगाना पर लगभग 2000 करोड़ रुपये के भुगतान का दबाव नही बनाये जाने पर निराशा जतायी गई।
इन मुद्दों पर भी चर्चा की गई कि एक विशेष श्रेणी के शक्तिशाली बड़े औद्योगिक बिजली उपभोक्ताओं को लगभग 1000 करोड़ रुपयों की छूट दिये जाने पर प्रबंधन द्वारा नियामक आयोग के समक्ष इसका पुरजोर विरोध नही किया गया। चर्चा के दौरान यह जानकारी प्राप्त हुई की कुछ निजी बिजली उत्पादकों द्वारा प्रबंधन पर महंगी बिजली खरीदने हेतू दबाव बनाया जा रहा है जिसकी सुनवाई नियामक आयोग के समक्ष गुपचुप तरीके से की जा रही है। ऐसी स्थिति आने पर राज्य के उपभोक्ताओं पर लगभग 1000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा एवं उन निजी बिजली उत्पादकों द्वारा बिजली प्रदान भी नही की जायेगी।
साथ ही कार्यकारणी की बैठक में नये पावर प्लांट बनाने हेतू, न्यू पेंशन स्कीम एवं ग्रुप टर्म प्लान के विषय पर प्रबंधन को पत्र प्रेषित किया गया। अभियंता संघ की साधारण सभा की बैठक कोरबा पश्चिम में संपन्न हुई जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न हिस्सों से आये हुए विद्युत अभियंताओं ने अपने विचार कार्यकारिणी के समक्ष रखे।
सभा के प्रारंभ में अध्यक्ष राजेश पाण्डेय ने प्रमुख मुद्दे प्रस्तुत किये एवं महासचिव चन्द्रशेखर सिंह ने सभा के अंत में सभी सुझावों को समाहित करते हुए समापन उद्बोधन दिया। सभा संचालन क्षेत्रीय सचिव कोरबा पश्चिम सुनील कुमार नायर ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में कोरबा पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष आर. के. श्रीवास के साथ केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य के. एन. बी. राव, इंजी. शशांक श्रीवास्तव, राजकुमार वर्मा, शिखामिश्रा सिंह मधु केरकेट्टा (मिंज), सुप्रियारानी, महेश ठाकुर, शरदचन्द्र पाठक, सतीश रस्तोगी, विनय कर, सुशील यदु, का योगदान रहा। इनके साथ प्रदेश के विभिन्न अंचलों से सक्रिय अभियंता सर्व श्री पी. के. मोेघे, संजीव कंसल, ए.के. दत्ता, व्ही. के. राव, शैलेश चैधरी, गुंजन शर्मा आदि अन्य अभियंताओं का सहयोग प्राप्त हुआ।