पिता की लात-घूंसों से पीट-पीट कर हत्या, दादी और बच्चों पर भी किया हमला, पैसों के लेनदेन बनी वजह..

कोरबा – छत्तीसगढ़ के कोरबा में गुरुवार दोपहर एक युवक ने अपने ही पिता की लात-घूंसों से पीट-पीट कर हत्या कर दी। इस दौरान अपनी दादी और बच्चे को भी मारने का प्रयास किया। किसी तरह से उन्होंने भागकर जान बचाई। अधेड़ को बचाने के लिए ग्रामीण पहुंचे तो उन्हें ही फंसाने की धमकी दी। फिर थाने पहुंच गया और रुपए के लेनदेन को लेकर 6 लोगों पर आरोप लगा दिया। बाद में दादी और बेटे की गवाही पर युवक को गिरफ्तार किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, बिलासपुर के सीपत निवासी वेदराम बंजारे (55) वेदांता में क्रेन ऑपरेटर था। वह अपनी मां के साथ बालको क्षेत्र के परसाभांठा में रहता था। उसका बेटा सीताराम बंजारे गुरुवार दोपहर अपने बच्चे को लेकर बिलासपुर से परसाभांठा पिता के पास आया। आरोप है कि पैसों को लेकर सीतारात और वेदराम के बीच विवाद हुआ। इसी विवाद के चलते सीताराम ने पीट-पीट कर पिता की हत्या कर दी। इसके बाद FIR दर्ज कराने के लिए थाने पहुंच गया।

सीताराम बंजारे ने पुलिस को बताया कि जब वह गांव में पहुंचा तो 6 लोग शराब के नशे में उसके पिता को पीट रहे थे। उनमें रुपयों को लेकर विवाद हो रहा था। उन लोगों ने पिता की गर्दन दबाई और छाती पर मारा। सीताराम ने बताया कि उसको भी युवकों ने पीटा और सिर फोड़ दिया। पिता वेदराम जब बेहोश हो गया तो आरोपी ही उसे 108 एंबुलेंस से जिला अस्पताल लेकर आए। यहां मौत का पता चलने पर उसकी दादी और बेटे को लेकर भाग निकले।

पुलिस अभी लिखा-पढ़ी कर रही थी। इसी दौरान जिन लोगों को सीताराम आरोपी बता रहा था, वही उसकी दादी और बच्चे को लेकर थाने पहुंच गए। वहां बताया कि महिला बच्चे को लेकर बाजार में भाग रही थी। उसने कहा कि पति को बचा लो, नहीं तो मार डालेगा। बच्चा बोला कि वह दादा जी को पैर से कूट कर मार रहे हैं। इस पर मौके पर पहुंचे तो दरवाजा बंद था। बचाने की कोशिश की तो सीताराम ने कहा कि सबको मारूंगा और उनको (युवकों को) फंसा देगा।

बालको थाने में पदस्थ SI राजेंद्र राठौर ने बताया कि आरोपी सीताराम पहले हत्या के लिए ग्रामीणों पर आरोप लगा रहा था। उसकी शिकायत पर मामला दर्ज कर रहे थे। इसी बीच उसकी दादी कीर्ति बंजारे और बेटा थाने आ गए। उन्होंने बताया कि उनका नाती सीताराम जो कि मजदूरी करता है, उसने रुपयों के लेनदेन को लेकर बेटे वेदराम के साथ मारपीट की। वेदराम को इलाज के लिए अस्पताल ले जा रहे थे, तभी रास्ते में उसकी मौत हो गई।