इलाज़ की अभाव ने ली मासूम जान, माता पिता डॉक्टर से मिलने की लगाते रहे गुहार, स्टाफ ने जाने के लिए रोका, फिर बच्चे ने तोड़ा दम..

जांजगीर – छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में 11 महीने के बच्चे की मौत हो गई है। इस मामले में बच्चे के परिजनों ने इलाज में देरी के कारण बच्चे की मौत होने का बात कही है। बच्चे के पिता ने बताया कि हम रजिस्ट्रेशन कराके बार-बार क्लीनिक स्टाफ से कहते रहे कि हमारे बच्चे की हालत गंभीर है। फिर भी वहां बैठे स्टाफ ने उन्हें डॉक्टर के पास जाने नहीं दिया। जिसके कारण बच्चे की मौत वहीं क्लीनिक में हो गई है।

इधर, क्लीनिक की डॉक्टर का कहना है कि हां स्टाफ से जजमेंट में गलती हुई है। मैंने उसे फटकार भी लगाई है। बच्चे कि पिता ने अब इस मामले में जांजगीर थाने में शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। बच्चे की मौत के बाद से ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने स्टाफ को फटकार लगाई है।
डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने स्टाफ को फटकार लगाई है।

दरअसल, भिलौनी पामगढ़ निवासी सदानंद पंकज अपने 11 महीने के बच्चे पुष्कर पंकज को लेकर सोमवार को जांजगीर के डॉक्टर प्रदीप नरूला के क्लीनिक पहुंचे थे। सदानंद ने बताया कि पुष्कर की तबियत रात से ही खराब थी। उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इसी वजह से वो बच्चे को लेकर सोमवार को क्लीनिक पहुंचे थे। सदानंद ने बताया कि पुष्कर को लेकर सुबह 9.30 बजे ही क्लीनिक पहुंच गए थे। क्लीनिक पहुंचते ही उन्होंने वहां बैठे स्टाफ से रजिस्ट्रेशन कराया और स्टाफ से अनुरोध किया बच्चे की तबियत ठीक नहीं है। उन्हें जल्दी डॉक्टर के पास भेज दें। इसके बावजूद वहां बैठा स्टाफ ये कहकर उन्हें जाने से रोकता रहा कि अभी काफी लोग हैं। अंदर से बुलावा आएगा तब ही अंदर जान दिया जाएगा। ये सब करते हुए काफी समय बीत गया और आखिरकार बच्चे की मौत उनके सामने ही हो गई।

इस मामले के लेकर डॉ.प्रदीप नरूला का कहना है कि जिस समय परिजन बच्चे को लेकर आए, उस समय 40 से ज्यादा पेशेंट बैठे हुए थे। बच्चा सीरियस था, इस बात को स्टाफ समझ नहीं पाया। मैंने स्टाफ को काफी फटकार लगाई और सभी कर्मचारियों से कहा है कि आगे से ऐसा घटना किसी भी हालत में नहीं होनी चाहिए।

GiONews Team

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