रायपुर ट्रेन हादसा की दर्दनाक पहलू : आंखों के सामने बूढ़ी मां ने आंख के तारे को कटते देखा, बेटे की दर्दनाक मौत से पथराई मां की आंख, एंबुलेंस में बेटे के शव के पास बेबस बैठी रही..

रायपुर – सोमवार को रायपुर रेलवे स्टेशन में हुए हादसे का अब एक दर्दनाक पहलू सामने आया है। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 1 पर जब हादसा हुआ। वहां जान गंवाने वाले युवक की बूढ़ी मां मौजूद थीं। 65 साल की मां अपने बेटे को तड़पता, मरता देखती रह गई। पटरियों पर गिरने की वजह से बेटे का पैर कट गया, वो गंभीर रूप से चोटिल हो चुका था, बेबस मां कुछ न कर सकी। इस तरह अपने बेटे को चंद सेकेंड्स में गंवाने के बाद वो बेसुध हो गईं, मां ने जो मंजर अपनी आंखों से देखा, हादसे के बाद वो दर्द उनकी आंखों में भी नजर आया।

यह हादसा सोमवार को उस वक्त हुआ जब इंजीनियर SK झा(29) जनशताब्दी एक्सप्रेस से रायपुर पहुंचे थे। वे अपनी मां को लेकर सुरक्षित प्लेटफॉर्म में पहुंच गए थे। लेकिन SK झा टॉयलेट इस्तेमाल करने वापस ट्रेन में गए थे। एसके जब ट्रेन से उतरने लगे तब ट्रेन चल पड़ी थी। उतरने की जल्दी में उन्होंने प्लेटफॉर्म पर पहला पांव रखा और दूसरा फिसलकर ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच वाले हिस्से में चला गया। चलती ट्रेन ने झा को अपनी चपेट में ले लिया और मौके पर ही उनका पैर कट गया। एसके झा बुरी तरह घायल हो गए थे। उन्हें अस्पताल ले जाया जाता, इससे पहले ही उनकी मौत हो गई थी।

हादसे का शिकार हुए एसके झा की मां का नाम मीना झा है। जीआरपी के अफसरों ने बताया कि बेटे की मौत को देखने के बाद उनकी आंखें पथरा चुकी थीं। वह किसी से बात नहीं कर रही थीं, जिस जगह बैठी थी वहीं काफी देर तक बैठी रह गईं। स्टेशन में मौजूद पुलिस और आसपास के लोगों को यह कुछ देर बात पता चला कि हादसे का शिकार हुए व्यक्ति की मां पास ही मौजूद है। कुछ देर बाद वो रोती बिलखती, लोगों की भीड़ के पास आकर भरे गले से बोलीं- वो मेरा बेटा है।

पुलिसकर्मियों ने उन्हें पानी दिया, वो पानी भी नहीं पी रहीं थीं। बेटे के शव के पास नंगे पांव बैठी रहीं, किसी से कोई बात नहीं की। जब शव को अंबेडकर अस्पताल ले जाया गया, एंबुलेंस में बेटे के सिर के पास बैठ गईं। काफी देर बात उनके कुछ स्थानीय रिश्तेदार संपर्क कर रायपुर पहुंचे और वापस बुजुर्ग महिला को अब साथ रायगढ़ लेकर गए। मृतक एसके झा का अंतिम संस्कार भी रायगढ़ में ही किए जाने की खबर है।

हादसे से कुछ घंटों के बाद मां ने पुलिस को दिए बयान में हादसे की वजह बताई। जो हैरान करने वाली है। मां मीना झा ने पुलिसकर्मियों को जो जानकारी दी उसके मुताबिक बेटा एसके झा और मां मीना झा दोनों ही ट्रेन से सुरक्षित उतर चुके थे। तब कोई परेशानी नहीं थी। ट्रेन कुछ देर प्लेटफार्म नंबर-1 पर ही खड़ी थी। आस-पास कोई टॉयलेट न दिखने पर एसके झा ट्रेन का टॉयलेट इस्तेमाल करने की सोची। मां को किनारे बैठाकर ट्रेन में दोबारा चढ़ गए। जब उतरने लगे तो ट्रेन चल पड़ी। उतरने की हड़बड़ी में प्लेटफार्म पर पहला पांव रखा और दूसरा फिसलकर ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच वाले हिस्से में चला गया। चलती ट्रेन ने झा को अपनी चपेट में ले लिया और मौके पर ही उनका पैर कट गया, बुरी तरह से चोटिल होने की वजह से वहीं 29 साल के इस इस इंजीनियर ने दम तोड़ दिया।

एसके झा पेशे से इंजीनियर थे। वो जिंदल स्टील के लिए काम किया करते थे। रायगढ़ में उनकी पोस्टिंग थी। रायगढ़ से कुछ पर्सनल वजहों से रायपुर मां के साथ आए थे। कुछ चश्मदीदों के मुताबिक जिस वक्त हादसा हुआ तब प्लेटफॉर्म पर मौजूद लोगों ने शोर मचा दिया, आस-पास मौजूद पुलिसकर्मी भी भागकर आए। मगर उनकी मौत हो चुकी थी। जीआरपी की टीम घटना की जांच कर रही है। आम तौर पर जीआरपी की टीम भी इस बात पर नजर रखती है कि चलती ट्रेन में कोई चढ़े या उतरे न। अब प्लेटफॉर्म पर पुलिस की टीम और मुस्तैदी बढ़ा रही है, ताकि इस तरह के हालात पैदा न हों।