शहर की प्रमुख शटलर मलविका बंसोड़ ने रविवार को फोर्ट वर्थ, टेक्सास में हुए US ओपन सुपर 300 बैडमिंटन टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाया। मलविका की इस शानदार उपलब्धि के साथ US ओपन में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई, लेकिन 23 वर्षीय नागपुर की शटलर ने साइना नेहवाल और पीवी सिंधु के बाद दूसरी बार बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर सुपर 300 टूर्नामेंट में पोडियम फिनिश हासिल करने वाली तीसरी भारतीय महिला शटलर बनकर इतिहास रच दिया।
2022 में, मलविका ने सैयद मोदी इंडिया इंटरनेशनल सुपर 300 टूर्नामेंट में रजत पदक जीता था, जब वह फाइनल में चैंपियन बनी सिंधु से हार गई थीं। भारतीय सरकार की टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) के समर्थन के बिना भी, मलविका ने सुपर 300 टूर्नामेंट में पोडियम फिनिश दर्ज किया। इस वर्ष जनवरी में, मलविका ने अज़रबैजान इंटरनेशनल चैलेंज में भी विजय प्राप्त की थी।
टेक्सास में हुए रोमांचक सेमीफाइनल में, मलविका ने जापान की छठी वरीयता प्राप्त नत्सुकी निदाइरा के खिलाफ 16-21, 13-21 से हारकर कांस्य पदक अपने नाम किया। शनिवार को राष्ट्रमंडल चैंपियन स्कॉटलैंड की कर्स्टी गिल्मर को हराने के बाद मलविका ने सेमीफाइनल में प्रवेश किया था, जिसने उन्हें कांस्य पदक दिलाया।
मलविका की इस जीत ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर से स्थापित कर दिया है और भारत के बैडमिंटन के लिए एक नई उम्मीद जगाई है। उनका प्रदर्शन दर्शाता है कि समर्पण और कड़ी मेहनत के साथ, वे किसी भी चुनौती को पार कर सकती हैं और अपने देश का नाम रोशन कर सकती हैं। उनके आगामी मैचों में भी हम उनसे ऐसी ही उत्कृष्टता की अपेक्षा रखते हैं।
मलविका की उपलब्धियां और उनकी यात्रा नए खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। उन्होंने यह साबित किया है कि सही मार्गदर्शन और अथक परिश्रम से किसी भी ऊँचाई को छुआ जा सकता है। उनके कोच और परिवार का भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिन्होंने उन्हें हर कदम पर समर्थन और प्रोत्साहन दिया।
मलविका की इस सफलता ने नागपुर शहर में भी खुशी की लहर दौड़ा दी है। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों ने उनके इस अद्वितीय प्रदर्शन पर गर्व व्यक्त किया है। उनके पिता, एक सरकारी कर्मचारी, और माता, एक गृहिणी, ने हमेशा से ही उनके सपनों को साकार करने में उनका साथ दिया है।
भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए, मलविका ने कहा कि उनका अगला लक्ष्य आगामी एशियाई खेलों और ओलंपिक खेलों में पदक जीतना है। उन्होंने बताया कि वह अपनी तकनीक और फिटनेस पर और अधिक काम करेंगी ताकि वे शीर्ष स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें। मलविका की सफलता के पीछे उनकी मेहनत, समर्पण और अनुशासन का बड़ा हाथ है।
मलविका ने अपने संदेश में युवा खिलाड़ियों को मेहनत और धैर्य का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि कोई भी सपना साकार किया जा सकता है अगर उसे पूरी शिद्दत और ईमानदारी से पूरा किया जाए। मलविका का यह संदेश उन सभी के लिए प्रेरणा है जो खेल के क्षेत्र में अपने करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं।
इस अद्भुत सफलता के बाद, मलविका अब अपने अगले लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं और हम सभी उनकी इस यात्रा में उनके साथ हैं। हम आशा करते हैं कि मलविका आगे भी इसी तरह से उत्कृष्ट प्रदर्शन करती रहेंगी और भारतीय बैडमिंटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी। उनका यह जीत हमें यह सिखाता है कि कठिन परिश्रम, धैर्य और सही मार्गदर्शन से कुछ भी असंभव नहीं है।
मलविका के इस अद्वितीय प्रदर्शन ने उन्हें एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि वह भारत के बैडमिंटन की नई सितारा हैं। हम उनकी सफलता की कामना करते हैं और उम्मीद करते हैं कि वे अपने आगामी प्रतियोगिताओं में भी इसी तरह का शानदार प्रदर्शन करेंगी।