सस्पेंड पंचायत सचिव ने किया आत्महत्या, 15 फीट ऊपर पेड़ से लटका मिला गबन के आरोपी का शव, मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर खुदकुशी की आशंका..

14वें वित्त आयोग की राशि के गबन मामले में 6 सचिव को सस्पेंड किया गया था। उनमें से गुलाब सिंह एक था। - Dainik Bhaskar

GPM – छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में सोमवार को सस्पेंड पंचायत सचिव का शव पेड़ से लटकता हुआ मिला है। शव जमीन से करीब 15 फीट ऊपर पेड़ से लटक रहा था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव नीचे उतरवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा। उसे करीब 3 माह पहले गबन के आरोप में सस्पेंड किया गया था। आशंका है कि मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर उसने खुदकुशी की है। मामला पेंड्रा थान क्षेत्र का है।

जानकारी के मुताबिक, मरवाही के ग्राम पंचायत मालाडांड का सस्पेंड सचिव गुलाब सिंह तिनगाम (38) का शव नंधन जंगल में जामुन के पेड़ में लटका हुआ मिला है। गुलाब सिंह रविवार दोपहर करीब 2 बजे घर से बाइक लेकर निकला था। इसके बाद से उसका कुछ पता नहीं था। सोमवार को जब ग्रामीण उधर से निकले तो एक पेड़ के नीचे बाइक खड़ी देखी। उन्होंने ऊपर देखा तो पेड़ से गुलाब का शव लटक रहा था।

सस्पेंड सचिव की खुदकुशी की सूचना पर मौके पर लोगों की भीड़ लग गई और मोबाइल से फोटो व वीडियो बनाने लगे।

वित्त आयोग की राशि में गबन के आरोप में करीब 3 महीने पहले सचिव गुलाब सिंह तिलगाम सहित 5 सचिवों को सस्पेंड कर दिया गया था। इस मामले में किसी अन्य पर कार्रवाई नहीं की गई। कहा जा रहा है कि इसे लेकर सस्पेंड पंचायत सचिव काफी तनाव में चल रहा था। कुछ समय पहले इसे लेकर एक पत्र भी सस्पेंड सचिवों ने थाना प्रभारी को लिखा था और गबन के आरोपियों पर कार्रवाई करने की मांग की थी। इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ।

मरवाही जनपद पंचायत के गांवों में 14वें वित्त आयोग की राशि में करीब 64.43 लाख रुपए का गबन किया गया था। जांच में खुलासा होने के बाद बिलासपुर जिला पंचायत CEO आर हैरिस ने मामले में 6 ग्राम पंचायतों के सचिव को निलंबित कर था। साथ ही सचिव सहित सभी पंचायतों के सरपंच, डाटा ऑपरेटर, सप्लायर और ठेकेदार पर FIR के लिए मरवाही थाने में आवेदन दिया था। हालांकि अभी तक मामला दर्ज नहीं हो सका है।

पेड़ के नीचे ही पंचायत सचिव की बाइक मिली, जिससे पता चला कि शव पेड़ से लटका है।

मरवाही विधायक डॉ. केके ध्रुव और पूर्व विधायक अमित जोगी ने गांव पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की। अमित जोगी ने आरोप लगाया कि इस मामले में केवल सचिवों को निलंबित किया गया, पर घोटाले के आरोपी सप्लायर्स, ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर नहीं की गई। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत बिलासपुर ने हाईकोर्ट में यह कहकर गुमराह किया कि गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला अलग है। कार्यवाही करने का अधिकार बिलासपुर जिला पंचायत को नहीं है।

GiONews Team

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