असामाजिक तत्वों की बदसलूकी से इसाई समुदाय नाराज़.. कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कार्रवाई की मांग..
बिलासपुर– इसाई समुदायों पर असामाजिक तत्वों के द्वारा किये जा रहे उपद्रव बलवा , मारपीट , समान की तोड़ फोड़ करने, पवित्र ग्रंथ बाइबिल को जलाने और उपासकों को जान से मारने की धमकी देने के साथ ही चर्च परिसर को तोड़ फोड़ को लेकर समाज के लोग आक्रोशित हैं। उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है।
इसाई समुदाय के लोगों का कहना है, कि उनका समुदाय शांतिप्रिय है व शांतिपूर्व अपना अराधना करता है। इसाई समुदाय के लोग शिक्षा एवं चिकित्सा में सेवा प्रदान करने में अग्रणी रहे है । भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है । भारतीय संविधान के अनुरूप अनुच्छेद 25 में सभी को धार्मिक स्वतन्त्रता प्रदान की गई है कि किसी भी धर्म की अनुयायी बन सकता है , उपासना कर सकता है । अनुच्छेद 26 में प्रत्येक व्यक्ति के साथ – साथ धार्मिक संस्थाओं को अपनी ईश्वर की पूजा , उपासना के लिए सम्पत्ति खरीदने एवं प्रबंधन करने की अधिकार देते है तथा अपने धर्म का शांति पूर्वक प्रचार प्रसार करने का अधिकार दिया गया है । धार्मिक विचारों अपने ईश्वर की अच्छाइया अपने धर्म की अच्छाइयां जनता तक पहुचाना प्रस्तुत करना संविधानिक कार्य है , ईश्वर की अच्छाई और धर्म की अच्छाइयों को समझकर उनसे प्रभावित होकर बिना किसी दबाव , लोभ के अनुसरण करता है तो यह अपराध नहीं है ।
विगत दिनों में छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिला में दिनांक 29.08.2021 दिन रविवार को चर्च भवन में अराधना कर रहे थे तब लगभग 200 लोग असामाजिक तत्व के द्वारा चर्च में घुसकर प्रार्थना अराधना को बाधित किये और वहां पर उपस्थित लोगों में महिलाओ के साथ मारपीट गाली – गलोज करते हुए चर्च भवन में तोड – फोड़ किये , वही पादरी एवं उनके परिवार को मारने की कोशिश की गई और उनके कार पर पत्थरों से हमला किया गया । इन सब कार्यों से मसीह इसाई समाज क्षुब्ध है, और न्याययिक जांच की मांग करते हुए न्यायिक जांच कमेटी का गठन करे व दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाय। ऐसा नही हुआ तो मसीह समाज अग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।