दो मासूमों की बेबसी : 14 साल पहले पिता की हो गई थी मौत, कोरोना की दूसरी लहर में मां की हुई मौत, कोरोना के लक्षण होने के बाद भी नही हुई थी जाँच, अब बच्चे नजर आ रहे बेबस..
बालोद – तस्वीर में दिख रहे दो बच्चे गुंडरदेही ब्लॉक के ग्राम खुरसुल निवासी नरेंद्र ठाकुर (15) व मूर्ति ठाकुर (18) की है, माता-पिता की मौत के बाद अब दोनों अनाथ हो गए है। 14 साल पहले पिता की मौत हो गई थी। तब से मां अनूपा बाई (51) सहारा बनी थी लेकिन कोरोना काल के दूसरी लहर में 27 अप्रैल को उनकी भी मौत घर में ही हो गई, कोरोना के प्रारंभिक लक्षण सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ थी।
तबीयत बिगड़ने के बाद सांसें थम गई। उस समय कोरोना का खौफ ऐसा था कि तत्काल अंतिम संस्कार कर दिया जाता था। बिना कोरोना जांच के अंतिम संस्कार कर दिया गया। अब जब शासन की ओर से कोरोना संक्रमितों के परिजन को 50 हजार रुपए देने की घोषणा की गई है, तब बच्चे बेबस नजर आ रहे है क्योंकि पंचायत की ओर से जारी डेथ सार्टिफिकेट तो है लेकिन कोविड रिपोर्ट नहीं है क्योंकि कोरोना जांच हुआ ही नहीं है।
यह महज एक उदाहरण है, ऐसे कई लोगों की मौत अचानक कोरोना काल में हुई है, किसी ने घर में ही तो किसी ने अस्पताल में दम तोड़ा लेकिन कोरोना वायरस की जांच नहीं हो पाई थी।
नरेंद्र ठाकुर ने बताया कि मैं कक्षा 9वीं और दीदी कक्षा 12वीं में है, साइकिल में गब्दी स्कूल जाते है। अप्रैल माह जब कोरोना से लोगों की मौतें हो रही थी, तब मां की तबीयत भी अचानक खराब हुई, सर्दी, खांसी, बुखार व कोविड के लक्षण थे, स्थिति ऐसी आई कि अस्पताल ले जाने के पहले ही मां ने अंतिम सांस ली। जिसके बाद अंतिम संस्कार किया गया। कोरोना जांच नहीं हुई है। जांच होती तब स्थिति क्लियर हो पाती और शायद रिपोर्ट के आधार पर सहयोग।
बालोद ब्लॉक के एक संक्रमित का डेथ ऑडिट रिपोर्ट मिलने के बाद जिले में कोरोना से दम तोड़ने वालों की संख्या 451 से बढ़कर अब 452 हो गई है। जिसकी पुष्टि जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने की है। हालांकि विभागीय अफसरों के अनुसार संक्रमित की मौत अभी नहीं बल्कि पहले हुई थी, संबंधित अस्पताल की ओर से रिपोर्ट व सत्यापन के बाद रिकॉर्ड को काउंट किया गया है। बालोद ब्लॉक में एक मौत काउंट होने के बाद अब ओवरऑल 100 संक्रमितों की मौत यहां हो चुकी है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सबसे ज्यादा मौत गुंडरदेही ब्लाॅक में 104 कोरोना संक्रमितों की हुई है।
जिला कोविड अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. एसएस देवदास ने बताया कि पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में यहां ज्यादा संक्रमितों की मौतें हुई है। कोविड-19 वायरस के कारण मौत के बाद अधिकांश के परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया है। इसी के जरिए अब क्लेम कर सकेंगे। जिनकी मौत कोरोना से नहीं हुई है, उन्हें सहायता राशि नहीं मिलेगी। उन्होंने बताया कि शासन की गाइडलाइन, नियम अनुसार ही संक्रमित मृतकों के परिजनों को सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। आवेदन आने के बाद अटैच दस्तावेज का वेरिफिकेशन होगा। जिसके बाद स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी।
बालोद, गुरूर, डौंडी, गुंडरदेही, अर्जुन्दा और डौंडीलोहारा तहसील कार्यालय में कार्यालयीन समय में पहुंचकर इस संबंध में आवेदन जमा कर सकते है। यहीं आवेदन और इससे जुड़ी जानकारी भी मिलेगा। लोगों को परेशानी न हो इसलिए तहसील कार्यालय के बाहर नोटरी व अन्य काम करने वालों के पास भी आवेदन उपलब्ध कराने की तैयारी है। आवेदन कब तक जमा कर सकेंगे इसको लेकर अभी समय का बंधन तय नहीं किया गया है।
कोरोना से जिन संक्रमितों की मौत हुई, उनके परिजन को आवेदन के साथ सीडीएसी की ओर से जारी कोविड-19 मृत्यु से संबंधित अधिकारिक प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य है। इसके अलावा आवेदक के आधार कार्ड, बैंक खाता की प्रथम पृष्ठ की फोटोकॉपी संलग्न करना होगा। इसके बाद वेरिफिकेशन होगा। पात्रता की श्रेणी में आने पर 50 हजार रुपए की सहायता राशि मिलेगी।
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 12(।।।) के तहत कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के परिजनों को अनुदान सहायता देने के लिए दिशा निर्देश जारी किया गया है।
मृत प्रति व्यक्ति के हिसाब से 50 हजार रुपए निर्धारित किया गया है। जिसे राज्य आपदा मोचन निधि के अंतर्गत दी जाएगी। कलेक्टर ने एसडीएम, तहसीलदार को निर्देश दिए है कि प्रत्येक तहसील कार्यालय में आवेदन प्राप्त करने के लिए समुचित व्यवस्था करें। कोरोना से मृत व्यक्तियों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर प्राप्त करते हुए स्वप्रेरणा से आवेदन पत्र प्राप्त करें।